Thursday, 18 August 2016

INDIAN CONSTITUTION

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© रचनाकार का सवार्िधकार सुरिक्षत
                                                                "संिवधान काव्य"
रचनाकार - सुनील कुमार गौतम
(भारतीय पुिलस सेवा)
प्रकाशक - न्यू वल्डर् पिब्लकेशन
सी - 4/2, मेन रोड़, वजीरपुर इन्डिस्ट्रयल एिरया,
िदल्ली - 110052
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समपर्ण
“संिवधान िनमार्ता डॅा० भीम राव
अम्बेडकर को िजनकी िवलक्षण
प्रितभा और सूझबूझ से हमें दुिनया का
सबसे बेहतरीन संिवधान िमला।”
- सुनील कुमार गौतम
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प्रस्तावना
भारतीय संिवधान हमारे देश की नीितयों का मागर्दशर्क
है, इसिलए यह हमारे देश का सबसे महत्वपूणर् ग्रन्थ है। यही
नहीं, यह पूरे िवश्व में भी सबसे बड़ा संिवधान है।
ऐसे संिवधान को मैंने सरल भाषा व पदों के रूप में रिचत
करके सुग्राही बनाने की कोिशश की है। इस "संिवधान काव्य"
में करीब 238 पद हैं िजनमें संिवधान के हर भाग व अनुच्छेद
के मूल-भाव को समािहत करने की कोिशश की गई है। साथ ही
बोलचाल की भाषा का प्रयोग िकया गया है तािक यह
जनसाधारण की समझ में भी आसानी से आ सके।
इस काव्य की रचना के िलए मैं अपनी पत्नी श्रीमती
िकरन गौतम का आभारी हूँ िजन्होंने इसमें भावात्मक पुट डालने
में मेरी मदद की।
मैं माननीय डा० नसीम जैदी, भारत के मुख्य िनवार्चन
आयुक्त, माननीय श्री नजीब जंग, उपराज्यपाल, िदल्ली,
माननीय श्री आलोक कुमार वमार्, पुिलस आयुक्त, िदल्ली का
ह्रदय से बहुत-बहुत आभारी हूँ िजन्होंने संिवधान काव्य के बारे में
अपने बहुमूल्य िवचार व्यक्त िकये हैं।
आशा है िक आप सभी लोग इस "संिवधान काव्य" से
जरूर लाभािन्वत होंगे।
धन्यवाद।
- सुनील कुमार गौतम
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डा० नसीम जैदी
भारत के मुख्य िनवार्चन आयुक्त
भारत िनवार्चन आयोग
Election Commission
of India
भारतीय संिवधान हमारा प्रमुख कानूनी मागर्दशर्क है। हर व्यिक्त
को संिवधान के बारे में ज्ञान होना चािहए िजससे उसे अपने अिधकारों और
कत्तर्व्यों की जानकारी िमल सके।
मैं समझता हूँ िक श्री सुनील कुमार गौतम द्वारा रिचत संिवधान
काव्य से यह कायर् अब बहुत आसान हो जाएगा। इसमें संिवधान के सार
को पदों के रूप में बहुत खूबसूरती से िलखा गया है। यह इतना रुिचकर है
िक यिद एक बार इसको पढ़ना शुरू कर िदया जाए तो िफर पूरा पढ़े िबना
मन नही मानता।
इतने बड़े एवं जिटल ग्रंथ को इतने सरल शब्दों में व्यक्त करके श्री
गौतम ने एक िमसाल कायम की है। मेरा िवचार है िक इसको प्रत्येक
नागिरक को पढ़ना चािहए और प्रत्येक जनप्रितिनिध को िवशेष रूप से
पढ़ना चािहए िजससे वे संिवधान व जनता के प्रित अपने कत्तर्व्यों का और
बखूबी से पालन कर सकें ।
मैं श्री गौतम को उनके इस कायर् के िलए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ
और अपनी शुभकामनायें व्यक्त करता हूँ।
30 माचर् 2016
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उपराज्यपाल, िदल्ली राज िनवास
िदल्ली - ११००५४
RAJ NIWAS
DELHI - 110054
L. G. DELHI
भारत, संसदीय प्रणाली वाला लोकतन्त्रात्मक गणराज्य है। इस
लोकतंत्र की आत्मा भारत के संिवधान में बसती है। 26 नवम्बर, 1949
को पािरत तथा 26 जनवरी, 1950 से लागू भारतीय संिवधान िवश्व के
िकसी भी लोकतांित्रक देश का सबसे लम्बा िलिखत संिवधान है। 465
अनुच्छेद, 12 अनुसूिचयां तथा 22 भागों में िवभािजत भारतीय संिवधान
भारत की प्रभुता, एकता और अखण्डता का वृहद दस्तावेज है।
आई○पी○एस○ अिधकारी श्री सुनील कुमार गौतम ने भारतीय
संिवधान को 'संिवधान काव्य' पद्यात्मक पुिस्तका के माध्यम से पाठकों
तक पहुंचाने का जो कायर् िकया है वह प्रशंसनीय है। संिवधान के मूल पाठ
के ममर् को ध्यान में रखते हुए उसको जन साधारण तक उन्ही की भाषा में
प्रस्तुत करना एक अनूठा प्रयोग है।
मैं, श्री सुनील कुमार गौतम के इस पुनीत कायर् की भूिर-भूिर
प्रशंसा करता हूँ तथा आशा करता हूँ िक संिवधान के इस पद्य रूप को
पढ़ते समय सुधी पाठक अपने आप को संिवधान के साथ आत्मसात कर
सकें गे।
इस पुस्तक की सफलता के िलए मेरी हािदर्क शुभकामनायें।
16.02.2016
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C.P. Delhi िदल्ली
पुिलस मुख्यालय
नई िदल्ली - 110002
पुिलस आयुक्त, िदल्ली
यह सवर्िविदत है िक भारतीय संिवधान अन्य सभी कानूनों का
स्त्रोत है। प्रत्येक पुिलस अिधकारी अपना पदभार ग्रहण करने से पूवर्
संिवधान के प्रित श्रद्धा व िनष्ठा रखने की शपथ लेता है। वह सेवा
पयर्न्त कानून व्यवस्था बनाए रखने की हर संभव कोिशश करता है।
श्री सुनील कुमार गौतम ने अपने व्यस्ततम कायर् के बावजूद
भारतीय संिवधान की काव्यात्मक रूप में जो प्रस्तुित की है वह
वास्तव में अिद्वतीय है। उनका यह कायर् काफी प्रेरणादायक व आम
जन के िलए बहुत लाभदायक है। मैं आशा करता हूँ िक "संिवधान
काव्य" के माध्यम से हर भारतीय संिवधान को आसानी से समझ
सकेगा।
मैं, श्री गौतम के इस अद्भुत कायर् की सराहना करता हूँ और
इस पुस्तक की सफलता के िलए कामना करता हूँ।
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िवषय-सूची (Index)
संिवधान की उद्देिशका (Preamble)
भाग-1
संघ और उसका राज्य क्षेत्र (The Union and its Territories)
भाग-2
नागिरकता (Citizenship)
भाग-3
मूल अिधकार (Fundamental Rights)
भाग-4
राज्य के नीित िनदेर्शक तत्व (Directive Principles of State
Policy)
भाग-4 (क)
मूल कतर्व्य (Fundamental Duties)
भाग-5
संघ (The Union)
भाग-6
राज्य (The States)
भाग-7
प्रथम अनूसूची के भाग ख में राज्य - िनरिसत (The States in Part B
of First Schedule - Repealed)
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भाग-8
संघ राज्यक्षेत्र (The Union Territories)
भाग-9
पंचायतें (The Panchayats)
भाग-9 (क)
नगरपािलकायें (The Municipalities)
भाग-9 (ख)
सहकारी सिमितयां (The Co-Operative Societies)
भाग-10
अनुसूिचत और जनजाित क्षेत्र (The Scheduled and Tribal Areas)
भाग-11
संघ और राज्यों के बीच में सम्बन्ध (Relations between the Union
and the States)
भाग-12
िवत्त, सम्पित्त, संिवदाएँ और वाद (Finance, Property, Contracts
and Suits)
भाग-13
भारत के राज्य क्षेत्र के अन्दर व्यापार, वािणज्य और समागम (Trade,
Commerce and Intercourse in India)
भाग-14
संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ (Services under the Union and
the States)
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भाग-14 (क)
अिधकरण (Tribunals)
भाग-15
िनवार्चन (Elections)
भाग-16
कु छ वगोर्ं के सम्बन्ध में िवशेष उपबन्ध (Special Provisions relating
to Certain Classes)
भाग-17
राजभाषा (Official Language)
भाग-18
आपात उपबन्ध (Emergency Provisions)
भाग-19
प्रकीणर् (Miscellaneous)
भाग-20
संिवधान का संशोधन (Amendment of the Constitution)
भाग-21
अस्थायी, संक्रमणकालीन और िवशेष उपबन्ध (Temporary,
Transitional and Special Provisions)
भाग-22
संिक्षप्त नाम, प्रारम्भ, िहन्दी में प्रािधकृत पाठ (Short Title,
Commencement, Authoritative Text in Hindi)
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संिवधान की उद्देिशका (Preamble)
हम भारत के लोग, आज ये संिवधान अपनाते हैं,
समाजवादी, धमर्िनरपेक्ष राष्ट्र को गले लगाते हैं।
िमलेगा हर तरह का न्याय, बोलने की आजादी,
िमलेगी समानता सबको, देश की जो आबादी।
बंधुता बढ़े हर एक से, हर व्यिक्त इज्जत पाये,
राष्ट्र हमारा रहे अखंड, एकता बढ़ती जाये।
26 नवम्बर 1949, दृढ़िनश्चय हम करते हैं,
संिवधान को अंगीकृत, आत्मािपर् त करते हैं।
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भाग-1
संघ और उसका राज्य क्षेत्र
(The Union and its Territories)
सब राज्यों को िमलाकर, भारत एक संघ होगा,
चाहें तो, नवराष्ट्रों का िमलन, िविध सम्मत होगा।
(अनुच्छेद - 1,2)
संसद चाहे, नये राज्यों का िनमार्ण कर सकती है,
वतर्मान राज्यों में, पिरवतर्न भी कर सकती है।
(अनुच्छेद - 3)
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भाग-2
नागिरकता (Citizenship)
भारत में रहने वाला व्यिक्त, भारतीय कहलाता है,
बाहर से आ बसे भारत में, वह भी ये हक पाता है।
(अनुच्छेद - 5)
कोई स्वेच्छा से करे, िवदेशी नागिरकता स्वीकार,
भारतीय नागिरकता पर, वह खोयेगा अिधकार।
(अनुच्छेद - 9)
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भाग-3
मूल अिधकार (Fundamental Rights)
मानव मूल अिधकारों को, महत्वपूणर् बतलाया है,
इनके िवरुद्ध िकसी िविध को, असंगत ठहराया है।
(अनुच्छेद - 13)
अनुच्छेद चौदह में, समता का अिधकार है,
होटल हो चाहे दुकान, सबको प्रवेश अिधकार है।
(अनुच्छेद - 14, 15)
अनूसूिचत जाित, जनजाित की करनी होगी भलाई
तािक उनकी उन्नित हो और कमी की हो भरपाई।
(अनुच्छेद - 15)
नौकरी में धमर्, जाित, िलंग का नहीं होगा भेद,
साफ साफ शब्दों में, समझाता सोलह अनुच्छेद।
(अनुच्छेद - 16)
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समाज के िपछड़े वगोर्ं को,हो आरक्षण का सहारा,
उन्नित करें दिलत, िजनका जीवन वंिचत सारा।
(अनुच्छेद - 16)
छुआछूत कलंक का, अनुच्छेद सतरह करे अंत,
डॉ० अम्बेडकर हुए मसीहा, मानवता के बने संत।
(अनुच्छेद - 17)
रहे ना कोई जमींदार अब, ना नवाब ना महाराजा,
पद ना होगा जन्म से, खुला योग्यता का दरवाजा।
(अनुच्छेद - 18)
प्रितयोिगता से ही िमलेगा, अब पद और सम्मान,
बनो डॉक्टर और कलक्टर, खूब कमाओ नाम।
(अनुच्छेद - 18 [भाव की अिभव्यिक्त])
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व्यक्त करो अपने भावों को, जो चाहे सो बोलो,
अन्याय से नहीं डरो, मुँह तुम अपना खोलो।
(अनुच्छेद - 19)
संघ और समूह बनाना, है सबका अिधकार,
शांितपूणर् करो सम्मेलन, जो हो िबना हिथयार।
(अनुच्छेद - 19)
सारा भारत देश तुम्हारा, कहीं भी जा सकते हो,
कोई जगह पसन्द आये, वहाँ भी रह सकते हो।
(अनुच्छेद - 19)
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बनो वकील या व्यापारी, करो कोई भी कारोबार,
अनुच्छेद उन्नीस देता है, तुमको ये सारे अिधकार।
(अनुच्छेद - 19)
जब तक िसद्ध नहीं हो दोष,दोषी नहीं कहलाओगे,
बेगुनाह सािबत होने के, सब अवसर तुम पाओगे।
(अनुच्छेद - 20)
पहले कारण बतलायेंगे, तभी करेंगे िगरफ्तार,
चौबीस घंटे में छोड़ेंगे, िगरफ्तारी यिद बेआधार।
(अनुच्छेद - 22)
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कोई बच्चा ना करे मजदूरी, मजदूर ना करे बेगार,
यिद कोई भी करे उल्लंघन, जाना होगा कारागार।
(अनुच्छेद - 23)
नन्हें - नन्हें से बच्चे, नहीं करे खान में काम,
सरकार उन्हें देगी िशक्षा, तािक बने बड़े इंसान।
(अनुच्छेद - 24, 21 क)
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िकसी भी धमर् को मानो, या उसका प्रचार करो,
अपने बनाओ संस्थान, संचालन का काम करो।
(अनुच्छेद - 25, 26)
कर से होता मुक्त है, धािमर्क कायोर्ं का प्रबंध,
सरकारी स्कूलों में है, धािमर्क िशक्षा पर प्रितबंध।
(अनुच्छेद - 27, 28)
बौद्ध मुिस्लम िसख ईसाई,अल्पसंख्यक हैं ये भाई,
अपने धमर्, िलिप, भाषा की, कर सकते हैं पढ़ाई।
(अनुच्छेद - 29, 30)
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मूल अिधकार बहुत जरूरी, प्रजातंत्र का सार,
इन सब की गारंटी देता, संवैधािनक उपचार।
(अनुच्छेद - 32)
छीने यिद कोई अिधकार, िरट दायर करवाओ,
न्यायालय से लो आदेश, लागू उसे कराओ।
(अनुच्छेद - 32)
शस्त्र बलों व आई०बी० में,बहुत जरूरी अनुशासन,
अिधकारों में अल्प कटौती, कर सकता है शासन।
(अनुच्छेद - 33)
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भाग-4
राज्य के नीित िनदेर्शक तत्व
(Directive Principles of State
Policy)
संिवधान सब राज्यों को, देता है िनदेर्श,
जनता के कल्याण की, व्यवस्था करें िवशेष।
(अनुच्छेद - 38)
सामािजक असमता कम हो, घटे आय का अंतर,
सभी क्षेत्र करें िवकास, अवसर िमले िनरन्तर।
(अनुच्छेद - 38)
स्त्री-पुरुष सबको िमले, आजीिवका के साधन,
सामूिहक िहत हो िजसमें, बाँटो सब संसाधन।
(अनुच्छेद - 39)
एक हाथ में केिन्द्रत ना हों, उत्पादन के साधन,
नर-नारी यिद करें कायर्, तो िमले समान ही वेतन।
(अनुच्छेद - 39)
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कािमर् कों के स्वास्थ्य का, ध्यान रखे सरकार,
स्त्री - पुरुष, बच्चे न करें, हािनकारक रोजगार।
(अनुच्छेद - 39)
सब बच्चे उन्नित करें, िमले माहौल अनुकूल,
शोषण उनका ना होये, कभी न जाना भूल।
(अनुच्छेद - 39)
न्याय सवर्जन को िमले, अपराधी या सुशील,
कोई बहुत गरीब हो, तो मुफ्त में िमले वकील।
(अनुच्छेद - 39 क)
गाँव में िनिश्चत करें, पंचायत का गठन,
जनता को शिक्त िमले, लगे िवकास में धन।
(अनुच्छेद - 40)
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बूढ़ा हो, बेकार हो, असमथर् या बीमार,
सहारा इनको भी िमले, कु छ मदद करे सरकार।
(अनुच्छेद - 41)
अच्छा, सुिवधाजनक हो, कायार्लय में काम,
गभर्वती मिहलाओं को, िमले िवशेष आराम।
(अनुच्छेद - 42)
जीवन का स्तर सुधरे, चहुंमुखी होये िवकास,
बेकारों को िमले काम, सुिवधा और अवकाश।
(अनुच्छेद - 43)
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उद्योगों के प्रबन्ध में, हो मजदूरों का हाथ,
सहकारी सिमित का स्वरूप, िखले साथ ही साथ।
(अनुच्छेद - 43 क और ख)
सब नागिरकों के िलए, जो देश में करें िनवास,
समान िसिवल संिहता का, िकया जाये प्रयास।
(अनुच्छेद - 44)
नन्हें बच्चों को िमले, िशक्षा और सुरक्षा,
बनें सभ्य नागिरक वे, जीवन हो अित अच्छा।
(अनुच्छेद - 45)
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अनुसूिचत जाित, जनजाित, वगर् हैं सबसे दुबर्ल,
अन्यायों पर लगे रोक, िमले िशक्षा और धन बल।
(अनुच्छेद - 46)
िमलें िवटािमन, पोषक तत्व, उच्च स्तरीय जीवन,
स्वास्थ्य सेवा में हो सुधार, रुके नशे का सेवन।
(अनुच्छेद - 47)
वैज्ञािनक तकनीकों से बढ़े, कृिष और पशुपालन,
सुधरे नस्ल पशुओं की, वध-िनषेध का हो पालन।
(अनुच्छेद - 48)
पयार्वरण सुरिक्षत रखो, करो जीवन का रक्षण,
वृक्ष लगाओ, करो हिरयाली,वन जीवों का रक्षण।
(अनुच्छेद - 48 क)
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स्मारकों की करें सुरक्षा, रखें िवशेष ध्यान,
इितहास रहेगा सुरिक्षत, बढ़ेगा सबका ज्ञान।
(अनुच्छेद - 49)
प्रशासन का न्यायालय में, ना हो कोई दखल,
न्यायपािलका रहे स्वतंत्र, न्याय िमले प्रितपल।
(अनुच्छेद - 50)
सब देशों के बीच में, रहे सुरक्षा शािन्त,
आपस में आदर बढ़े, िमटे परस्पर भ्रािन्त।
(अनुच्छेद - 51)
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भाग-4क
मूल कतर्व्य (Fundamental Duties)
संिवधान का करें पालन, झंडे का करें सम्मान,
इसके आदशोर्ं को माने, आदर से करें राष्ट्रगान।
(अनुच्छेद - 51 क [ क ])
आजादी के आदशोर्ं को, समझे और बयान करें,
देश की प्रभुता, अखंडता के, रक्षक का काम करें।
(अनुच्छेद - 51 क [ ख, ग ])
राष्ट्र की सेवा करें, स्त्री का सम्मान करें,
भेदभाव रिहत होकर, भ्रातृत्व का िनमार्ण करें।
(अनुच्छेद - 51 क [ घ, ङ ])
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सामािजक संस्कृित समझें, परम्परा का मान करें,
प्रकृित का िवस्तार करें, जीवन का सम्मान करें।
(अनुच्छेद - 51 क [ च, छ ])
वैज्ञािनक हो दृिष्टकोण, ज्ञानाजर्न का काम करें,
सावर्जिनक सम्पित्त का, कभी नहीं नुकसान करें।
(अनुच्छेद - 51 क [ ज, झ ])
खुद ऊंचाईयों को छू लें, लोगों को भी बढ़ायें,
राष्ट्र िनरन्तर बढ़े आगे, सभी सफल हो जायें।
(अनुच्छेद - 51 क [ ञ ] )
माता-िपता या संरक्षक, प्रथम काम ये करवायें,
चाहे गरीबी हो घर में, बच्चे को िशक्षा िदलवायें।
(अनुच्छेद - 51 क [ ट ] )
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भाग-5
संघ (The Union)
कायर्पािलका (The Executive)
भारत सरकार में राष्ट्रपित, सवोर्च्चािधकारी होगा,
जल थल वायु सेना का, वह शीषार्िधकारी होगा।
(अनुच्छेद - 52, 53)
संसद िवधानसभाओं द्वारा,राष्ट्रपित चयिनत होगा,
पाँच साल का कायर्काल,िजनका िनयिमत होगा।
(अनुच्छेद - 54, 56)
नागिरक हो भारत का, आयु पैंतीस से कम ना हो,
सांसद बनने लायक हों,कोई लाभ का पद ना हो।
(अनुच्छेद - 58)
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मुख्य न्यायाधीश द्वारा, उनका शपथ ग्रहण होगा,
संिवधान की रक्षा और अनुपालन का प्रण होगा।
(अनुच्छेद - 60)
राष्ट्रपित यिद संिवधान की, अवहेलना करते हैं,
संसद सदस्य उनके ऊपर, दोषारोपण करते हैं।
(अनुच्छेद - 61)
संसद द्वारा दोषारोपण, महािभयोग कहलाता है,
दोष िसद्ध होने पर, उनको पद से हटाया जाता है।
(अनुच्छेद - 61)
राष्ट्रपित सवोर्च्च हैं, पर संसद है उनसे ऊपर,
राष्ट्रपित संसद न्यायालय, संिवधान सबसे ऊपर।
(अनुच्छेद - 61 [भाव की अिभव्यिक्त])
राष्ट्रपित यिद हों असमथर्, अनुपिस्थत या बीमार,
भारत के उपराष्ट्रपित, देखेंगे उनका कायर्भार।
(अनुच्छेद - 63, 65)
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संसद के दो सदन करें, उपराष्ट्रपित का िनवार्चन,
संिवधान के प्रित वे लेंगे, श्रद्धा, िनष्ठा के वचन।
(अनुच्छेद - 66, 69)
राष्ट्रपित कर सकते हैं, िकसी भी सजा को कम,
दे सकते हैं माफी भी, या िफर सजा का िनलंबन।
(अनुच्छेद - 72)
राष्ट्रपित की मदद हेतु, एक मंत्री पिरषद होगी,
समुिचत कायर्वाही हेतु, जो अपनी सलाह देगी।
(अनुच्छेद - 74)
महामिहम को, सलाह का, पालन करना ही होगा,
इस सलाह की अनदेखी, संभव काम नहीं होगा।
(अनुच्छेद - 74)
मंत्री-मंडल की िनयुिक्त, राष्ट्रपित द्वारा होगी,
लोकसभा के प्रित भी, मंडल की िजम्मेदारी होगी।
(अनुच्छेद - 75)
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मंत्री-पिरषद का मुिखया, प्रधानमंत्री होता है,
प्रजातंत्र में वह व्यिक्त, सबसे ताकतवर होता है।
(अनुच्छेद - 75)
एक महान्यायवादी होगा, भारत सरकार में िनयुक्त,
सरकार को िविध सम्बन्धी, सलाह देगा उपयुक्त।
(अनुच्छेद - 76)
सरकार सब काम करेगी, राष्ट्रपित के नाम से,
उनको अवगत भी करायेगी, सरकार के काम से।
(अनुच्छेद - 77, 78)
संसद (Parliament)
संसद भारत देश की, सबसे बड़ी संस्था होगी,
नये कानून बनाने हेतु, उसकी ही क्षमता होगी।
(अनुच्छेद - 79)
तीन भागों से होता है, भारतीय संसद का गठन,
सवर्प्रथम हैं राष्ट्रपित, िफर संसद के दो सदन।
(अनुच्छेद - 79)
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राज्य सभा के सदस्यों का, राज्य ही करें चयन,
कु छ िवशेष लोगों का, िकया जाता है मनोनयन।
(अनुच्छेद - 80)
प्रत्येक पाँच साल में होता, लोक सभा का चुनाव,
यही लोकतंत्र का जादू, जब लोग करे बदलाव।
(अनुच्छेद - 83)
राज्य सभा में िनयुिक्त हेतु, उम्र चािहए तीस,
लोकसभा में आने हेतु, पूरे करें पच्चीस।
(अनुच्छेद - 84)
राष्ट्रपित समय समय पर, करेंगे संसद में बैठक,
दोनों सदनों में अिभभाषण का, होगा उनका हक।
(अनुच्छेद - 86, 87)
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लोकसभा शीघ्र चुनेगी, अपना एक अध्यक्ष,
लोकसभा के संचालन में, होगा वह अित दक्ष।
(अनुच्छेद - 93)
संसद के सब सदस्यों को, लेनी होगी एक शपथ,
संिवधान का करेंगे पालन, अपनायेंगे उसका पथ।
(अनुच्छेद - 99)
सांसद नहीं बने रहेंगे, यिद हो िवकृत मानिसकता,
हो जायें िदवािलया, या त्यागें देश की नागिरकता।
(अनुच्छेद - 102)
सांसद सदन में बोलें, या रखें स्वतंत्र िवचार,
वाणी की स्वतंत्रता ही, है संसद का मुख्य आचार।
(अनुच्छेद - 105)
संसद बनायेगी कानून और पास करेगी िबल,
दोनों सदनों की सहमित से, काम नहीं मुिश्कल।
(अनुच्छेद - 107)
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जब कोई िबल पास होगा, सहमित देगें राष्ट्रपित,
यिद संिवधान सम्मत है,तो जल्द ही देंगे स्वीकृित।
(अनुच्छेद - 111)
मंत्रालय सरकारी खचेर् का, पूरा बजट बनाता है,
िवत्त मंत्री िफर इसको, संसद में पास कराता है।
(अनुच्छेद - 112)
संसद में होगी प्रयोग, िहन्दी या अंग्रेजी भाषा,
यिद कोई दोनों ना जाने, बोले अपनी मातृभाषा।
(अनुच्छेद - 120)
िकसी जज के बतार्व पर, संसद में ना होगी बहस,
संसदीय कायर्वाही पर, जज का नहीं चलेगा बस।
(अनुच्छेद - 121, 122)
संसद ना चल रही हो, पिरिस्थित भी हो िवशेष,
राष्ट्रपित कानून बनायें, जारी करके अध्यादेश।
(अनुच्छेद - 123)
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न्यायपािलका (The Union Judiciary)
पूरे भारत में एक, सवोर्च्च न्यायालय होगा,
न्याय का मिन्दर होगा, जजों का कायार्लय होगा।
(अनुच्छेद - 124)
जज यिद बनना हो, तो चािहए संिवधान का ज्ञान,
वकील या जज के रूप में, पहले िकया हो काम।
(अनुच्छेद - 124)
इन सभी जजों का चयन, राष्ट्रपित जी करते हैं,
इसके िलए अन्य जजों से, सलाह भी वह करते हैं।
(अनुच्छेद - 124)
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पद ग्रहण से पूवर्, सब जज करते हैं ये वादा,
पक्षपात मैं नहीं करूंगा, रखूँ संिवधान मयार्दा।
(अनुच्छेद - 124)
जज हो जायें असमथर्, या तोड़े संिवधान की हद,
संसद करेगी महािभयोग, छोड़ना होगा उनको पद।
(अनुच्छेद - 124)
सुप्रीम कोटर् के पास, सबसे ज्यादा अिधकार,
मसला अपील का हो,या िफर राज्यों की तकरार।
(अनुच्छेद - 131, 132, 133, 134)
जरूरत पड़े तो सुप्रीम कोटर्, नये कानून बनाता है,
जिटल संवैधािनक मसलों को भी,ये सुलझाता है।
(अनुच्छेद - 141, 143)
भारत में एक िनयंत्रक महालेखापरीक्षक होगा,
केन्द्र-राज्य के खचोर्ं का, ब्यौरा उसे रखना होगा।
(अनुच्छेद - 148, 149)
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भाग-6
राज्य (The States)
कायर्पािलका (The Executive)
राज्यपाल हर राज्य में, सवोर्च्च अिधकारी होगा,
राष्ट्रपित करेंगे िनयुिक्त,कायर्काल पांच वषर् होगा।
(अनुच्छेद - 153, 154, 155, 156)
राज्यपाल की िनयुिक्त हेतु, भारत का नागिरक हो,
आयु पैंतीस की हो, अन्य लाभ का पद ना हो।
(अनुच्छेद - 157, 158)
राज्यपाल को िमलेंगे, भत्ते और िवशेषािधकार,
साथ ही साथ होंगे वे, मुफ्त मकान के हकदार।
(अनुच्छेद - 158)
उच्च न्यायालय के जज से, राज्यपाल लेंगे शपथ,
जनता की करेंगे सेवा, अपनायेंगे संिवधान पथ।
(अनुच्छेद - 159)
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आपरािधक मामलों में, राज्यपाल रखते हैं शिक्त,
दोषी की कम करें सजा,या िफर दण्ड से दे मुिक्त।
(अनुच्छेद - 161)
राज्यपाल िववेकानुसार, करेंगे कायोर्ं का िनवार्ह,
अन्य मामलों में वे लेंगे, मंत्री पिरषद से सलाह।
(अनुच्छेद - 163)
राज्यपाल ही करेंगे, राज्य मुख्यमंत्री की िनयुिक्त,
िफर उनकी सलाह पर, अन्य मंित्रयों की िनयुिक्त।
(अनुच्छेद - 164)
राज्य के कु ल मंित्रयों की, संख्या िनधार्िरत होगी,
एम एल ए की संख्या का,पंद्रह प्रितशत ही होगी।
(अनुच्छेद - 164)
राज्य मंित्रयों की शपथ, संिवधान के प्रित होगी,
सारी जनता की सेवा, पक्षपात रिहत होगी।
(अनुच्छेद - 164)
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मंत्री को गोपनीयता की, शपथ ग्रहण करनी होगी,
कु छ िवषयों की जानकारी, उन्हें गुप्त रखनी होगी।
(अनुच्छेद - 164)
राज्यपाल ही िनयुक्त करेंगे, राज्य का महािधवक्ता,
कानूनी िवषयों पर होगा,वो ही अिधकािरक वक्ता।
(अनुच्छेद - 165)
राज्य की कायर्वाही होगी, राज्यपाल के नाम से,
मुख्यमंत्री अवगत करायेंगे, उनको अपने काम से।
(अनुच्छेद - 166, 167)
िवधान मण्डल
(The State Legislature)
सब राज्यों में होगा, िवधानसभा एक मुख्य सदन,
कु छ में अितिरक्त होगा, िवधानपिरषद का गठन।
(अनुच्छेद - 168)
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िवधानसभा में होगा, जनसंख्या का सही अनुपात,
तािक हर समाज के लोग, पूरी रखें अपनी बात।
(अनुच्छेद - 170)
उम्र यिद पच्चीस की हो, मन में हो सेवा का भाव,
एम०एल०ए० बनने हेतु, लड़ सकते हो तुम चुनाव।
(अनुच्छेद - 173)
संिवधान प्रित रखनी होगी, हर सदस्य को िनष्ठा,
मेरा भारत रहे अखण्ड, ऊँची उसकी रहे प्रितष्ठा।
(अनुच्छेद - 173)
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िवधानसभा अध्यक्ष, करेंगे सभा का संचालन,
हर दल रखे अपनी बात,हो िनयमों का भी पालन।
(अनुच्छेद - 178)
सदन में हर सदस्य, अपनी बात कह सकता है,
बेखौफ, बेिहचक िवचार, व्यक्त कर सकता है।
(अनुच्छेद - 194)
सदन, सदस्यों के वेतन को भी, तय कर सकता है,
जरूरत पड़े तो भत्तों में, बढ़ोत्तरी कर सकता है।
(अनुच्छेद - 195)
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िवधानसभा राज्य का िबल भी,पास कर सकती है,
िफर उस पर राज्यपाल से, स्वीकृित ले सकती है।
(अनुच्छेद - 196)
राज्यपाल सहमत होने पर, अपनी मुहर लगायेंगे,
िबल में कु छ गड़बड़ है, तो राष्ट्रपित को बतायेंगे।
(अनुच्छेद - 200)
िवधानसभा बना सकती है, राज्य के िलए कानून,
िजसमें राज्य का िहत हो, जनता को िमले सुकून।
(अनुच्छेद - 200)
राज्य बजट बतलायेगा,सरकार का वािषर्क खचार्,
योजनाओं के मुद्दो पर, िफर होगी सदन में चचार्।
(अनुच्छेद - 202, 203)
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िहन्दी, अंग्रेजी, स्थानीय, होंगी सदन की भाषा,
कोई न जाने यिद इन्हें भी, बोलेगा वह मातृभाषा।
(अनुच्छेद - 210)
जज के आचरण पर, नहीं करेगा सदन बहस,
सदन की कायर्वाही पर भी, न चले कोटर् का बस।
(अनुच्छेद - 211, 212)
िवधानसभा का सत्र न हो, पिरिस्थित हो िवशेष,
राज्यपाल कानून बनायें, जारी करके अध्यादेश।
(अनुच्छेद - 213)
अध्यादेश को सदन द्वारा, करना होगा पास,
वनार् होगा बेअसर वह, बीते यिद डेढ़ मास।
(अनुच्छेद - 21३)
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राज्यों के उच्च न्यायालय
(The High Courts in the States)
हर राज्य में न्याय हेतु, एक उच्च न्यायालय होगा,
िजसमें जनता की खाितर, न्याय द्वार खुला होगा।
(अनुच्छेद - 214)
दस साल का न्याियक अनुभव, या रहा हो वकील,
तब होगा उच्च न्यायालय का, जज बनने कािबल।
(अनुच्छेद - 217)
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राष्ट्रपित द्वारा होगी, न्यायधीश की िनयुिक्त,
बासठ वषर् पूरा होने पर, होगी पद से मुिक्त।
(अनुच्छेद - 217)
न्यायधीश लेंगे शपथ, राज्यपाल के साथ,
सब लोगों को देंगे न्याय, िबना िकए पक्षपात।
(अनुच्छेद - 219)
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अधीनस्थ न्यायालय
(Subordinate Courts)
छोटे न्यायालयों पर होगी, हाईकोटर् की िनगरानी,
िनयमपूवर्क कायर् करें सब, कोई न करे मनमानी।
(अनुच्छेद - 233)
िजला जजों की िनयुिक्त, राज्यपाल द्वारा होगी,
इससे सम्बिन्धत सलाह, हाईकोटर् द्वारा होगी।
(अनुच्छेद - 233)
सात वषर् वकालत वाला, िजला जज बनने योग्य,
अन्य न्याियक पदों हेतु, है लोक सेवा आयोग।
(अनुच्छेद - 233)
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भाग-7
प्रथम अनूसूची के भाग ख में राज्य
(The States in Part B of First
Schedule)
िनरिसत (Repealed)
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भाग-8
संघ राज्यक्षेत्र
(The Union Territories)
संघ राज्यक्षेत्रों के िलए, प्रशासक होगें िजम्मेदार,
चाहे हो दमन, दीव या अंडमान और िनकोबार।
(अनुच्छेद - 239)
राजधानी िदल्ली में है, उपराज्यपाल का शासन,
यहाँ िवधानसभा भी है, जहाँ जनता करें िनवार्चन।
(अनुच्छेद - 239 क [ क ])
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भाग-9
पंचायतें
(The Panchayats)
तेजी से हो सबका िवकास, हो जनता का शासन,
इसके िलए करना होगा, पंचायतों का प्रशासन।
(अनुच्छेद - 243 ख)
ग्राम सभा हो, पंचायत हो और हो िजला पिरषद,
अनुसूिचत जाित, जनजाित हेतु आरिक्षत हों पद।
(अनुच्छेद - 243 ग, घ)
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मिहलायें भी समाज की, हैं महत्वपूणर् ईकाई,
उनके िलए आरिक्षत हो, अध्यक्ष पद एक ितहाई।
(अनुच्छेद - 243 घ)
राज्य पंचायतो को देंगे, शिक्त और अिधकार,
िवकास हो, न्याय िमले, हो जनता का उपकार।
(अनुच्छेद - 243 छ)
पंचायत कर सकती है, टैक्स वसूली का भी काम,
खचार्-पूितर् के िलए, राज्य भी देगा उन्हें अनुदान।
(अनुच्छेद - 243 ज)
प्रत्येक पाँच साल में होगा, पंचायत का िनवार्चन,
राज्य चुनाव आयोग करेगा, इन सबका संचालन।
(अनुच्छेद - 243 ट)
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भाग-9 क
नगरपािलकायें
(The Municipalities)
शहरों में नगरपािलका, है पंचायत का दूसरा रूप,
वाडर् और उसकी सिमितयों जैसा होगा प्रारूप।
(अनुच्छेद - 243 थ, द, ध)
मिहला, कमजोर वगोर्ं का, आरक्षण करना होगा,
योजना लागू करने को, टैक्स वसूल करना होगा।
(अनुच्छेद - 243 न, भ)
महानगर क्षेत्र में आबादी है, दस लाख से ज्यादा,
प्रमुख, मेयर कहलाता है,िजम्मेदारी भी है ज्यादा।
(अनुच्छेद - 243 त, थ, ब)
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भाग-9 ख
सहकारी सिमितयां
(The Co-Operative Societies)
लोग बना सकते हैं, अपनी एक सहकारी सिमित,
बोडर् करेगा संचालन,बेहतर होगी आिथर्क िस्थित।
(अनुच्छेद - 243 यज, यञ)
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भाग-10
अनुसूिचत और जनजाित क्षेत्र
(The Scheduled and Tribal Areas)
एस०टी० लोगों के िवकास का, है िवशेष प्रावधान,
अनुसूिचत क्षेत्रों का भी, खूब रखना होगा ध्यान।
(अनुच्छेद - 244)
जनजाित के िलए, एक सलाहकार पिरषद होगी,
िजससे उनके प्रशासन की, नीित िनधार्िरत होगी।
(अनुच्छेद - 244, पाँचवी अनुसूची)
उनके कल्याण कायोर्ं पर, राज्यपाल रखें िनगरानी
भूिम उनकी रहे सुरिक्षत, साहूकार न करें मनमानी।
(अनुच्छेद - 244, पाँचवी अनुसूची)
राज्यपाल उनके क्षेत्रों में, पिरवतर्न कर सकते हैं,
शािन्त सुरक्षा कानूनों में, बदली भी कर सकते हैं।
(अनुच्छेद - 244, पाँचवी अनुसूची)
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असम राज्य में होंगे, स्वशासी िजला और प्रदेश,
लागू नहीं होंगे इन पर, राज्य सरकार के िनदेर्श।
(अनुच्छेद - 244, छठी अनुसूची)
जंगल और जनजाित में है, बहुत गहरा संबंध,
संतुलन कैसे रखा जाये, इसका है सही प्रबंध।
(अनुच्छेद - 244, छठी अनुसूची)
वनभूिम का, उत्पादों का, जनजाित करे प्रयोग,
वन भी रहे सुरिक्षत, ना हो जीिवका में अवरोध।
(अनुच्छेद - 244, छठी अनुसूची)
राज्यपाल ऐसे क्षेत्रों में, िनिश्चत करें सुशासन,
िशक्षा, स्वास्थ्य, संचार के िदलवाये सब साधन।
(अनुच्छेद - 244, छठी अनुसूची)
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भाग-11
संघ और राज्यों के बीच में सम्बन्ध
(Relations between the Union and
the States)
संसद पूरे भारत में, कानून बना सकती है,
िवधानसभा केवल राज्य में, ऐसा कर सकती है।
(अनुच्छेद - 245)
कानून बनाने की शिक्त, केन्द्र-राज्य की है पृथक,
िवषय उनके िनधार्िरत हैं, तािक ना हो कोई शक।
(अनुच्छेद - 246)
संघ सूची में िलखे हैं, संसद के अिधकार,
जैसे रक्षा, रेल, िवदेश, सेना, दूर संचार।
(अनुच्छेद - 246, सातवीं अनुसूची - संघ सूची)
राज्य सूची में विणर् त है, िवधानसभा के अिधकार,
जैसे पुिलस स्वास्थ्य कृिष, वन िवद्युत कारागार।
(अनुच्छेद - 246, सातवीं अनुसूची - राज्य सूची)
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कु छ िवषय ऐसे हैं, िजन पर दोनों का अिधकार,
इनमें से हैं िशक्षा, सजा, न्याय, वन, व्यापार।
(अनुच्छेद - 246, सातवीं अनुसूची - समवतीर् सूची)
िफर भी संसद बड़ी है, श्रेष्ठ हैं उसके अिधकार,
राष्ट्रिहत में कानून बनाये, करे अन्तराष्ट्रीय करार।
(अनुच्छेद - 247, 248, 249, 250, 251, 252, 253, 254)
कानूनों का अनुपालन िनिश्चत करे राज्य सरकार,
वनार् िनदेर्िशत भी कर सकती है, भारत सरकार।
(अनुच्छेद - 256)
कें द्र, राज्य सरकारों को, दे सकता है आदेश,
देशिहत के कामों में, यिद मुिश्कल आती है पेश।
(अनुच्छेद - 257)
दो राज्यों में िववाद हो, या नदी जल का बँटवारा,
केन्द्र कानून बनाकर, कर सकता है िनपटारा।
(अनुच्छेद - 262)
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राज्यों के झगड़ों को, सब िमलजुल के सुलझायें,
जाँच एवं सुझाव हेतु, पिरषद एक बनायें।
(अनुच्छेद - 263)
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भाग-12
िवत्त, सम्पित्त, संिवदाएँ और वाद
(Finance, Property, Contracts and
Suits)
टैक्स द्वारा जो पैसा आये, संिचत धन कहलाये,
भाँित-भाँित के खचोर्ं में, यह धन काम में आये।
(अनुच्छेद - 266)
कु छ खचेर् करने पड़ते हैं, एकदम और कई बार,
िजसकी खाितर कंटीजेंसी फंड,रखती हैं सरकार।
(अनुच्छेद - 267)
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कें द्र और राज्य सरकारें, दोनों लें जनता से कर,
िफर िनयमानुसार आपस में, बाँटें इसे बराबर।
(अनुच्छेद - 268, 269, 270)
केन्द्र को, राज्य सरकारों को, देना होगा अनुदान,
जनजाित क्षेत्रों के िवकास का, रखना होगा ध्यान।
(अनुच्छेद - 275)
िवत्त आयोग सुझाव देता है, धन के िवतरण पर,
तािक राज्यों को िमले, उन्नित के बराबर अवसर।
(अनुच्छेद - 280, 281)
कें द्र की सम्पित्त पर, राज्य नहीं लगायें कर,
कें द्र भी इस सम्बन्ध में, करे राज्य का आदर।
(अनुच्छेद - 285, 289)
कें द्र, राज्य कर सकते हैं, व्यापार और कारोबार,
समुद्री खिनजों पर होगा,केवल कें द्र का अिधकार।
(अनुच्छेद - 297, 298)
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राष्ट्रपित की ओर से, साइन होंगे सब करार,
पर कोई चूक हुई तो, नहीं होंगे वे िजम्मेदार।
(अनुच्छेद - 299)
कोई व्यिक्त कर सकता है, सम्पित्त को संिचत,
कानून िबना उसे, नहीं कर सकते हैं वंिचत।
(अनुच्छेद - 300 क)
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भाग-13
भारत के राज्य क्षेत्र के अन्दर व्यापार, वािणज्य
और समागम (Trade, Commerce and
Intercourse in India)
कोई कहीं भी कर सकता है, वािणज्य या व्यापार,
िजसे जनिहत में िनयिमत, कर सकती है सरकार।
(अनुच्छेद - 301, 302)
केन्द्र फंड के िवतरण में, न करे िकसी से पक्षपात,
साधन िवहीन राज्यों का,िफर भी देना होगा साथ।
(अनुच्छेद - 303)
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भाग-14
संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ
(Services under the Union and the
States)
सरकारी कामकाज हेतु, िनयुक्त होते हैं अिधकारी,
कायर् सुचारू रूप से हो, लेते हैं िजम्मेदारी।
(अनुच्छेद - 309)
कोई अिधकारी कमर्ठ है, काम है उसका अच्छा,
संिवधान उसको देता है, काफी अिधक सुरक्षा।
(अनुच्छेद - 310, 311)
िनयुिक्त कतार् ही िकसी को, पद से हटा सकता है,
िविधवत जाँच कराके, सजा सुना सकता है।
(अनुच्छेद - 311)
िकसी कायर्वाही से पहले, व्यिक्त को सुनना होगा,
उसके दोष बताने होंगे, िफर िनणर्य करना होगा।
(अनुच्छेद - 311)
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यिद गंभीर अपराध में, दोषी िसद्ध हुआ अिधकारी,
पद से हटाया जा सकता है, उसे िबना इन्क्वारी।
(अनुच्छेद - 311, 2 क)
कभी-कभी सुरक्षा िहत में, जाँच नहीं हो सकती है,
िबना जाँच, अिधकारी की सेवामुिक्त हो सकती है।
(अनुच्छेद - 311, 2 ख, ग)
कें द्र में भतीर् हेतु है, संघ लोक सेवा आयोग,
आवेदन कर सकते हैं, सेवा के इच्छुक सब लोग।
(अनुच्छेद - 315)
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आयोग करेगा संचािलत, िनयुिक्त हेतु परीक्षा,
उच्च सेवाओं में चािहए, ग्रेजुएट तक की िशक्षा।
(अनुच्छेद - 315, 320)
राज्यों में भतीर् हेतु है, राज्य लोक सेवा आयोग,
छोटे राज्य चाहें तो, बनेगा एक संयुक्त आयोग।
(अनुच्छेद - 315)
आयोग में होंगे सदस्य, होगा एक अध्यक्ष,
रहें हो सरकारी पद पर, छिव हो उनकी िनष्पक्ष।
(अनुच्छेद - 316)
आयोग, भतीर् सम्बिन्धत, अपनी सलाह भी देगा,
राष्ट्रपित को हर साल, सब कायोर्ं का ब्यौरा देगा।
(अनुच्छेद - 323)
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भाग-14क
अिधकरण (Tribunals)
कें द्र, राज्य स्तर पर होंगे, प्रशासिनक अिधकरण,
भतीर्, सेवा के झगड़ों का, िकया करेंगे िनराकरण।
(अनुच्छेद - 323 क)
कु छ अिधकरण करेंगे, अन्य िववादों का िनपटारा,
टैक्स, श्रम िववाद, या खाद्य वस्तुओं का बँटवारा।
(अनुच्छेद - 323 ख)
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भाग-15
िनवार्चन (Elections)
प्रजातन्त्र का मुख्य तन्त्र है, िनवार्चन आयोग,
इसकी मदद से सरकारों को, चुनते हैं हम लोग।
(अनुच्छेद - 324)
मुख्य चुनाव अायुक्त करायें, चुनाव का संचालन,
आचार संिहता का करवायें, सख्ती से अनुपालन।
(अनुच्छेद - 324)
राष्ट्रपित, उपराष्ट्रपित, संसद या िवधानमंडल,
सबके चुनाव पर आयोग, िनगरानी रखे प्रितपल।
(अनुच्छेद - 324)
चुनाव आयुक्तों को देता है, संिवधान सुरक्षा,
स्वतन्त्र चुनावों से ही होती, प्रजातन्त्र की रक्षा।
(अनुच्छेद - 324)
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लोकसभा, िवधान सभा का, जब भी हो िनवार्चन,
आयोग को सब सहयोग, देगा राज्य प्रशासन।
(अनुच्छेद - 324)
वोटर िलस्ट में शािमल होगा, हर वयस्क का नाम,
इस सब को िनष्पक्ष कराना, है आयोग का काम।
(अनुच्छेद - 325)
अठारह वषर् का हर व्यिक्त, रखता है मतािधकार,
अपनी इच्छा के अनुसार, चुन सकता है सरकार।
(अनुच्छेद - 326)
एम०पी० और एम०एल०ए० बने, हो चुनाव िनष्पक्ष,
लोकतंत्र कायम रहे, यही आयोग का लक्ष्य।
(अनुच्छेद - 324 [भाव की अिभव्यिक्त])
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भाग-16
कुछ वगोर्ं के सम्बन्ध में िवशेष उपबन्ध
(Special Provisions relating to
Certain Classes)
अनुसूिचत जाित, जनजाित का है िवशेष प्रबंध,
लोकसभा में है आरक्षण, है अनुपाितक संबंध।
(अनुच्छेद - 330)
ऐंग्लो इंिडयन लोग यिद, संख्या में कम लगते हैं,
राष्ट्रपित लोकसभा में, दो सदस्य रख सकते हैं।
(अनुच्छेद - 331)
एससी, एसटी लोगों की, िजतनी जनसंख्या होगी,
उतनी ही, िवधानसभा में, सीटों की संख्या होगी।
(अनुच्छेद - 332)
सरकारी सेवाओं में,एससी, एसटी का हो स्थान,
थोड़ी छूट िमले अंकों में, तािक भतीर् हो आसान।
(अनुच्छेद - 335)
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राष्ट्रीय अनुसूिचतजाित आयोग करे हकों की रक्षा
उनसे संबंिधत समस्याओं की, करता है ये परीक्षा।
(अनुच्छेद - 338)
एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्य होंगे,
संिवधान के प्रावधान, उन्हें लागू करने होंगे।
(अनुच्छेद - 338)
एस० सी० लोगों के िहतों में, न हो कोई कोताही,
सािबत हो आरोप यिद, आयोग करे कायर्वाही।
(अनुच्छेद - 338)
अन्य कल्याणकारी, उपाय खोजकर लायेगा,
राष्ट्रपित को आयोग, अपने सुझाव बतलायेगा।
(अनुच्छेद - 338)
आयोग का दजार्, िसिवल न्यायालय का होगा,
सबकी पेशी कराने का हक, उसे प्राप्त होगा।
(अनुच्छेद - 338)
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राष्ट्रपित आयोग की िरपोटर्, संसद में रखवायेंगे,
िसफािरशों पर कारर्वाई से, अवगत भी करवायेंगे।
(अनुच्छेद - 338)
आयोग चाहे, तो संबंिधत कागज, पेश करने होंगे,
शपथपत्र देकर सारे सबूत, प्रकट करने होंगे।
(अनुच्छेद - 338)
एस० सी० संबंिधत, कोई िनणर्य लेती है सरकार,
आयोग से लेकर सलाह, उसे करना होगा िवचार।
(अनुच्छेद - 338)
एक राष्ट्रीय अनुसूिचत जनजाित आयोग भी होगा
एस सी आयोग जैसा स्तर, इसको भी प्राप्त होगा।
(अनुच्छेद - 338 क)
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वैसी ही शिक्त होगी, वही कायर् वह करेगा,
जनजाित के िहतों की रक्षा, हर हालत में करेगा।
(अनुच्छेद - 338 क)
एस०टी० की उन्नित हेतु, आयोग की होगी िनयुिक्त
राज्य यिद करे िढलाई, कें द्र करेगा सख्ती।
(अनुच्छेद - 339)
सामािजक, शैिक्षक दृिष्ट से, िपछड़े हैं जो लोग,
राष्ट्रपित उनके िलए, गिठत करें आयोग।
(अनुच्छेद - 340)
आयोग अध्ययन करेगा, कैसे हो उनका सुधार,
कैसे कें द्र-राज्य बन सकते, उन लोगों के मददगार।
(अनुच्छेद - 340)
आयोग राष्ट्रपित को देगा, िसफािरशें ब्यौरेवार,
संसद को िफर करना होगा, भलाई हेतु िवचार।
(अनुच्छेद - 340)
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भाग-17
राजभाषा
(Official Language)
संघ की भाषा िहंदी, िलिप देवनागरी होगी,
शासकीय प्रयोजन हेतु, अंग्रेजी की जरूरत होगी।
(अनुच्छेद - 343)
राष्ट्रपित भाषािवदों का, एक आयोग करें गिठत,
िहंदी के प्रचार हेतु, प्रयास करे जो संगिठत।
(अनुच्छेद - 344)
िहंदी भाषा हो समृद्ध, बढ़े ज्ञान और िवज्ञान,
अिहंदी भाषी लोगों का, आयोग रखे ध्यान।
(अनुच्छेद - 344)
िवधानसभा स्थानीय भाषा को, कर ले अंगीकार,
पर सरकारी कामों में, रहे अंग्रेजी बरकरार।
(अनुच्छेद - 345)
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दो राज्यों को आपस में, यिद करना है पत्राचार,
दोनों िमलकर िहंदी को, कर सकते हैं स्वीकार।
(अनुच्छेद - 346)
उच्च, उच्चतम न्यायालय में, अंग्रेजी प्रयुक्त होगी,
आदेशों,अिधिनयमों की प्रित, अंग्रेजी में ही होगी।
(अनुच्छेद - 348)
भाषाई अल्पसंख्यकों का, सरकार रखे ध्यान,
मातृभाषा में ही िमले, सब िवषयों का ज्ञान।
(अनुच्छेद - 350 क, ख)
सरकार िहंदी को करे समृद्ध, खूब करे प्रचार,
अन्य भाषाओं के शब्दों से, करे इसका िवस्तार।
(अनुच्छेद - 351)
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भाग-18
आपात उपबन्ध
(Emergency Provisions)
युद्ध का हो संकट, िवद्रोिहयों का िबछा हो जाल,
राष्ट्रपित सन्तुिष्ट करके,घोिषत करें आपातकाल।
(अनुच्छेद - 352)
आपातकाल के िलए चािहए, संसद की मंजूरी,
एक माह के भीतर ही, यह सहमित अित जरूरी।
(अनुच्छेद - 352)
इस दौरान िमल जाते हैं,कें द्र को ज्यादा अिधकार,
कें द्र सरकार चला सकती है,राज्य की भी सरकार।
(अनुच्छेद - 353)
कें द्र, राज्य की करेगा, हर हालत में सुरक्षा,
चाहे वाह्य आक्रमण हो या सशस्त्र िवद्रोह से रक्षा।
(अनुच्छेद - 355)
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राज्य यिद नहीं चल रहा, संिवधान के अनुसार,
राज्यपाल राष्ट्रपित को देंगे, िरपोटर् िसलिसलेवार।
(अनुच्छेद - 356)
िफर उस राज्य में लागू होगा, राष्ट्रपित शासन,
भारत सरकार हाथ में लेगी, वहाँ का प्रशासन।
(अनुच्छेद - 356)
उदघोषणा का संसद द्वारा, करना होगा अनुमोदन,
दो महीनों में पास करेंगे, संसद के दोनों सदन।
(अनुच्छेद - 356)
आपातकाल में िछन जायेंगे, सारे मूल अिधकार,
बचेगी शारीिरक स्वतंत्रता व जीने का अिधकार।
(अनुच्छेद - 358, 359)
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भारत में यिद पैदा हो, आिथर्क संकट काल,
राष्ट्रपित घोिषत करते हैं, िवत्तीय आपातकाल।
(अनुच्छेद - 352)
इस दौरान राज्यों के खचेर्, िकये जायेंगे कम,
घट जायेंगे कमर्चािरयों और जजों के वेतन।
(अनुच्छेद - 360)
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भाग-19
प्रकीणर् (Miscellaneous)
राष्ट्रपित व राज्यपाल को, प्राप्त हैं िवशेषािधकार,
ना उन पर कोई केस चलेगा, न होंगे वे िगरफ्तार।
(अनुच्छेद - 361)
यिद कोई छपवाता है, संसद की कायर्वाही,
न्यायालय नही करेगा, कोई दािण्डक कायर्वाही।
(अनुच्छेद - 361 क)
सत्यमेव जयते
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भाग-20
संिवधान का संशोधन
(Amendment of the Constitution)
संसद चाहे, कर सकती है, संिवधान में संशोधन,
दो ितहाई बहुमत से, यिद पास करें दोनों सदन।
(अनुच्छेद - 368)
िफर ये िवधेयक, राष्ट्रपित को भेजा जायेगा,
उनकी स्वीकृित िमलने पर, संशोधन कहलायेगा।
(अनुच्छेद - 368)
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भाग-21
अस्थायी, संक्रमणकालीन और िवशेष उपबन्ध
(Temporary, Transitional and
Special Provisions)
जम्मू और कश्मीर राज्य का, है िवशेष अिधकार,
संसद का कानून चलेगा, जब राज्य करे स्वीकार।
(अनुच्छेद - 370)
कई बहुत से राज्यों में भी, हैं िवशेष उपबन्ध,
उनकी उन्नित और िवकास हो, कु छ ऐसे प्रबंध।
(अनुच्छेद - 371, 371 क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ)
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भाग-22
संिक्षप्त नाम, प्रारम्भ, िहन्दी में प्रािधकृत पाठ
(Short Title, Commencement,
Authoritative Text in Hindi)
हमारा ये संिवधान,भारत का संिवधान कहलायेगा,
छब्बीस जनवरी 1950 से, पूरा लागू हो जायेगा।
(अनुच्छेद - 393, 394)
राष्ट्रपित जी संिवधान को, िहन्दी में छपवायेंगे।
िहन्दी, अंग्रेजी संस्करण ही, अिधकृत कहलायेंगे।
(अनुच्छेद - 394 क)
***** समाप्त *****

Tuesday, 16 August 2016

VARANASI ASSI GHAT

Situated at the confluence of Ganga and Asi rivers, Assi Ghat is the southernmost Ghat in Varanasi, where pilgrims bathe before paying their homage to Lord Shiva in the form of huge lingam situated under a peepal tree. Assi Ghat also constitutes the southern end of conventional city. Another lingam worshipped here is the Asisangameshwar lingam representing the lord of confluence of the Asi, enshrined in a small marble temple near the Assi Ghat. It was at the Assi Ghat where the famous Indian poet saint, Tulsi Das had written the much-celebrated Ramcharitmanas. 

There are numerous references of Assi Ghat in early literature of the Hindus. We find the mention of Assi Ghat in matsya purana, Agni purana, kurma purana, padma purana and kashi khanda. According legends, Goddess Durga had thrown her sword after slaying the demon, Shumbha- Nishumbha. The place, where the sword had fallen resulted in a big stream, known as Assi River. Assi Ghat is located at the confluence of River Ganga and Assi River. In Kashi Khand, Assi Ghat is referred as Assi "Saimbeda Tirtha" and according to it one gets punya of all the Tirthas (religious places) by taking a dip here. Thousands of Hindu pilgrims take holy dip here in the months of Chaitya (March/ April) and Magh (Jan/Feb) and other important occasions like solar/ lunar eclipse, Ganga Dussehra, Probodhoni Ekadashi, Makar Shankranti etc.

BASIC ENGLISH GRAMMER LESSONS

Singular and Plural Nouns

A noun names a person, place, thing, or idea.

Usually, the first page of a grammar book tells you about nounsNounsgive names of concrete or abstract things in our lives. As babies learn "mom," "dad," or "milk" as their first wordnouns should be the first topicwhen you study a foreign language.

For the plural form of most nouns, add s.

  • bottle – bottles
  • cup – cups
  • pencil – pencils
  • desk – desks
  • sticker – stickers
  • window – windows
For nouns that end in ch, x, s, or s sounds, add es.

  • box – boxes
  • watch – watches
  • moss – mosses
  • bus – buses
For nouns ending in f or fe, change f to v and add es.

  • wolf – wolves
  • wife – wives
  • leaf – leaves
  • life – lives
Some nouns have different plural forms.

  • child – children
  • woman – women
  • man – men
  • mouse – mice
  • goose – geese
Nouns ending in vowels like y or o do not have definite rules.

  • baby – babies
  • toy – toys
  • kidney – kidneys
  • potato – potatoes
  • memo – memos
  • stereo – stereos
A few nouns have the same singular and plural forms.

  • sheep – sheep
  • deer – deer
  • series – series
  • species – species

[Quiz 1.1]

Choose the correct form of the noun in each sentence.

1)I have three (child, children).
2)There are five (man, men) and one (woman, women).
3)(Baby, Babies) play with bottles as toys.
4)I put two big (potato, potatoes) in the lunch box.
5)A few men wear (watch, watches).
6)I put a (memo, memos) on the desk.
7)I saw a (mouse, mice) running by.
8)There are few (bus, buses) on the road today.


Count Nouns vs. Non-Count Nouns

Count nouns

Can be counted as one or more.

  • pen, computer, bottle, spoon, desk, cup, television, chair, shoe, finger, flower, camera, stick, balloon, book, table, comb, etc.
Take an s to form the plural.

  • pens, computers, bottles, spoons, desks, cups, televisions, chairs, shoes, fingers, flowers, cameras, sticks, balloons, books, tables, combs, etc.
Work with expressions such as (a few, few, many, some, every, each, these, and the number of).

  • a few pens, a few computers, many bottles, some spoons, every desk, each cup, these televisions, the number of chairs, a few shoes, a few fingers, many flowers, some cameras, every stick, each balloon, these books, the number of tables, many combs, etc.
Work with appropriate articles (a, an, or the).

  • a pen, the computer, a bottle, the spoon, a desk, the cup, a television, the chair, a shoe, the finger, a flower, the camera, a stick, the balloon, a book, the table, a comb, etc.
Do NOT work with much (for example, you would never say much pensor much computers).

Non-count nouns

Cannot be counted. They usually express a group or a type.

  • water, wood, ice, air, oxygen, English, Spanish, traffic, furniture, milk, wine, sugar, rice, meat, flour, soccer, sunshine, etc.
Generally cannot be pluralized.

Work both with and without an article (a, an, or the), depending on the context of the sentence.

  • Sugar is sweet.
  • The sunshine is beautiful.
  • I drink milk.
  • He eats rice.
  • We watch soccer together.
  • The wood is burning.
Work with expressions such as (some, any, enough, this, that, and much).

  • We ate some rice and milk.
  • I hope to see some sunshine today.
  • This meat is good.
  • She does not speak much Spanish.
  • Do you see any traffic on the road?
  • That wine is very old.
Do NOT work with expressions such as (these, those, every, each, either, or neither).

[Quiz 2.1]

Choose all of the non-count nouns in the following list:

wine, student, pen, water, wind, milk, computer, furniture, cup, rice, box, watch, potato, wood

Possessive Nouns

Possessive nouns are used to indicate ownership.

Possessive nouns usually are formed by adding an apostrophe (') and s.

  • John's book
  • Kerry's car
  • Grandma's mirror
When a noun is plural and ends in s, just add an apostrophe (').

  • The kids' toys
  • My parents' house
  • The teachers' lounge
If two people own one thing, add the apostrophe and s to the second person only.

  • John and Mary's new house
  • David and Sue's wedding
  • Tom and Doug's car
If two people own separate things, add the apostrophe and s for each person.

  • Susan's and Beth's books
  • Jean's and Dan's pants
  • Ben's and Jim's offices

[Quiz 3.1]

Which of the following is not correct?

1)Dr. Hunts has a new computer.
2)Dr. Hunts's new computer is working well.
3)Dr. Hunts' computer is new


Pronouns

A pronoun takes the place of a noun.

Example story:

Mary is one of the heads of the ToJi Corporation. Mary works with Mr. James and Mr. James' son Tom. Mr. James and Mr. James' son Tom are experts in biochemistry. Mary, Mr. James, and Tom researched and invented a drug for cancer treatment.

If the story above is written using pronouns:

Mary is one of the heads of the ToJi Corporation. She works with Mr. James and his son Tom. He and his son Tom are experts in biochemistry. They researched and invented a drug for cancer treatment.

Personal Pronouns

Personal pronouns refer to a person:

  • I go to school.
  • You are a student.
  • They are Koreans.
  • He works here.
  • We gave her food.
The word ‘it' refers to an object:

  • I drank it.
  • It is big.
  • They cut it into halves.
Memorize the personal pronouns:

FirstSecondThird
MaleFemaleNeutral
Singular SubjectIyouhesheit
Singular Objectmeyouhimherit
Singular Reflexivemyselfyourselfhimselfherselfitself
Plural Subjectweyouthey
Plural Objectusyouthem
Plural Reflexiveourselvesyourselvesthemselves


[Quiz 4.1]

Write the correct pronoun in each blank.

1)I ate an apple.                     was delicious.
2)You look tired.                     should rest.
3)She is a teacher. I gave                    a book.
4)They are my friends. I like                     very much.
5)He saw the movie.                     was fun.


'Be' Verbs

A verb shows action or a state of being.

go home. Home is my place to rest. I like the smell of my house. I feeltotally relaxed. Home refreshes me. At home, I get ready for a new day.

"Be" verbs indicate a state of being.

Verbs must match subjects.

  • am a doctor.
  • He is sleepy.
  • We are here.
Negative sentences need ‘not' after the verb.

  • I am not a doctor.
  • He is not sleepy.
  • We are not there.
The verb comes first in interrogative sentences.

  • Am I a doctor?
  • Is he sleepy?
  • Are we there?
"Are not" (is not) can be shortened to "aren't" (isn't).

  • He isn't sleepy.
  • We aren't there.
Remember the variations of "be" verbs:


PresentNegativeInterrogative
I amI am notAm I?
You areYou are not (aren't)Are you?
He isHe is not (isn't)Is he?
She isShe is not (isn't)Is she?
It isIt is not (isn't)Isn't it?
We areWe are not (aren't)Are we?
You areYou are not (aren't)Are you?
They areThey are not (aren't)Are they?


[Quiz 5.1]

Which of the following sentences are written correctly?

1)I am thirsty.
2)You are kind.
3)He am not sad.
4)She are not tall.
5)It is not moving.
6)We aren't tired.
7)Is they running?
8)Are you ready?


Action Verbs

Action verbs express action and are the most common verbs.

Action verbs need s at the end with third-person, singular subjects.

  • He eats bread.
  • She walks to the station.
  • It floats on the sea.
Negative sentences need do not, does not, or did not.

  • I do not eat bread.
  • He does not eat bread.
  • You did not walk to the station.
  • It does not float on the sea.
Interrogative sentences begin with do, does, or did.

  • Do you eat bread?
  • Does he eat bread?
  • Does she walk to the station?
  • Did they finish it?
Do not can be shortened to don't, does not to doesn't, and did not to didn't.

  • I don't eat bread.
  • She doesn't walk to the station.
  • It doesn't float on the sea.
  • They didn't finish it.
Remember the variations of action verbs:


Affirmative SentenceNegative SentenceInterrogative Sentence
I sing a song.I do not (don't) sing a song.Do I sing a song?
You sing a song.You do not (don't) sing a song.Do you sing a song?
He (she) sings a song.He (she) does not (doesn't) sing a song.Does he (she) sing a song?
We sing a song.We do not (don't) sing a song.Do we sing a song?
They sang a song.They did not (didn't) sing a song.Did they sing a song?



[Quiz 6.1]

Correct the verb errors in the sentences below. Some sentences may be correct as is.

1)I runs a marathon.
2)You look sleepy.
3)She do not dance.
4)Does you leave today?
5)We don't stay here.
6)It come with rice.

Adjectives

Adjectives describe or modify nouns.

I like fairy tales. A fairy tale is an imaginary story that has unrealisticcharacters in a fantastic background. It makes me forget about thereal world and refreshes my tired mind.

Adjectives generally appear immediately before the noun.

  • pretty girl
  • Red flowers
  • long stick
  • Heavy boxes
  • Warm weather
Commonly, adjectives of opposite meaning are formed by adding a prefix such as unin, or dis.

  • clear – unclear, important – unimportant, predictable – unpredictable, believable – unbelievable, common – uncommon, aware – unaware, ambiguous – unambiguous, conventional – unconventional, certain – uncertain
  • definite – indefinite, correct – incorrect, comparable – incomparable, complete – incomplete, evitable – inevitable, expensive – inexpensive
  • able – disable, assemble – disassemble, content – discontent, similar – dissimilar
When using a string of adjectives, they should appear in a set order: size/shape + age + color + origin + material.

  • A big brown house
  • A small old English desk
  • A beautiful black Italian leather purse
  • Delicious Chinese food
The + adjective describes a class or group of people and acts as a noun.

  • the old, the young, the poor, the rich, the oppressed, the homeless, etc.
  • This popular TV show is loved by the old.

[Quiz 7.1]

Write opposite adjectives using the appropriate prefix.

1) Clear –                     
2) Definite –                     
3) Correct –                     
4) Expensive –                     
5) Complete –                     


[Quiz 7.2]

Underline all adjectives in the following sentences.

In the spring, red roses blossom in my cute small garden. The beautiful birds also sing in the big oak tree.

Comparative and Superlative Adjectives

Comparative adjectives compare two things. Superlative adjectives compare more than two things

Commonly, adjectives that contain only one syllable or end in 'y' use 'er' to form comparatives and 'est' to form superlatives. For adjectives ending in y, change the 'y' to 'i' before adding the 'er' or 'est'.

  • old – older – oldest
  • young – younger – youngest
  • pretty – prettier – prettiest
  • long – longer – longest
  • short – shorter – shortest
  • bright – brighter – brightest
  • close – closer – closest
  • happy – happier - happiest
Adjectives with two or more syllables do not change but instead addmore to form comparatives and most to form superlatives.

  • respectable – more respectable – most respectable
  • beautiful – more beautiful – most beautiful
  • preferable – more preferable – most preferable
  • hardworking – more hardworking – most hardworking
Some adjectives have different forms of comparatives and superlatives.

  • good – better – best
  • bad – worse – worst
  • little – less – least
  • much (many) – more – most
  • far – further - furthest
The word than typically appears in comparative sentences.

  • Amy is smarter than Betty.
  • Chad is stronger than Dan.
  • Greg is more diligent than his brother.
  • I have more apples than he.
  • She likes him more than me.
Superlatives are typically accompanied by the word the.

  • Tom is the oldest man in town.
  • Paul is the tallest boy in the neighborhood.
  • That shade of blue is the most beautiful color.
  • This is the longest song that I have ever heard.

[Quiz 8.1]

Write the appropriate comparative or superlative form of the word cold in each blank.

Yesterday was a cold day. Today is                      than yesterday. Tomorrow will be the                      day yet.

[Quiz 8.2]

Which of the following sentences is incorrect?

1)Mary is shorter than Jane.
2)The moon is more closer to the earth than the sun.
3)I have the best score on the exam.

Adverbs

Adverbs modify a verb, an adjective, or another adverb.

An adverb tells more about a verb in the sentence.

  • The fire engine runs fast.
  • Listen to his speech carefully.
  • I browse the web frequently.
  • It rained hard.
An adverb describes more about an adjective in the sentence.

  • The news is very surprising!
  • The coffee is extremely hot, so be careful.
  • Nature is really amazing!
An adverb modifies another adverb in the sentence.

  • It rains very hard.
  • Computers run much faster these days.
  • I clean my room less frequently because I am busy.
Commonly, adjectives can be changed to adverbs by adding 'ly'.

  • slow – slowly
  • quick – quickly
  • comfortable – comfortably
  • loud – loudly
  • clear – clearly
To change adjectives ending in 'y' into adverbs, change the 'y' to 'i' and add 'ly'.

  • happy – happily
  • easy – easily

[Quiz 9.1]

Choose the correct word form in the following sentences.

1)I spoke to you (careful, carefully) last time.
2)We talked about it (clear, clearly).
3)I sat on the (comfortable, comfortably) sofa.
4)My dog runs very (fast, faster).
5)Let’s install the new program (quick, quickly).

Simple Tense

Verb tense tells you when the action happens. There are three main verb tenses: present, past, and future. Each main tense is divided into simple, progressive, perfect, and perfect progressive tenses.

PresentPastFuture
Simplefinishfinishedwill finish
Progressiveam/is/are finishingwas/were finishingwill be finishing
Perfecthave/has finishedhad finishedwill have finished
Perfect Progressivehave/has been finishinghad been finishingwill have been finishing


Things to remember about simple tense:

     a. Present tense is the original verb form.
     b. Past tense has a few patterns.
     c. Future tense needs will (shall) + verb.

run

  • I run a marathon twice a year. (present)
  • I ran a marathon last year. (past)
  • I will run a marathon next year. (future)
eat

  • I eat lunch in my office.
  • I ate lunch an hour ago.
  • I will eat lunch in one hour.
see

  • I see a movie once a week.
  • I saw a movie yesterday.
  • I will see a movie tomorrow.
know

  • I know it.
  • I knew it the day before yesterday.
  • I will know it by tomorrow.
learn

  • I learn English.
  • I learned English the last two years.
  • I will learn English next year.
cook

  • I cook my supper every night.
  • I cooked our dinner already.
  • I will cook breakfast tomorrow.

[Quiz 10.1]

Fill in the blanks with appropriate verb forms.

1)I                      a song at the concert yesterday.
2)He                      a letter to his girlfriend tomorrow.
3)I                      to the library to borrow some books this weekend.
.

FAMOUS ENGLISH PROVERBS AND HINDI MEANING


  • 1. A bad man is better than a bad name– बद अच्छा, बदनाम बुरा

  • 2. A bird in the hand is worth two in the bush– नौ नगद, न तेरह उधार

  • 3. A burnt child dreads the fire– दूध का जला छाछ को फूँक-फूँक कर पीता है

  • 4. A bad workman quarrels with his tools– नाच न जाने आँगन टेढ़ा

  • 5. A drowning man will catch at a straw– डूबते को तिनके का सहारा

  • 6. A figure among cyphers– अंधों में काना सरदार

  • 7. A guilty conscience needs no accuser– चोर की दाढ़ी में तिनका

  • 8. A prophet is not honoured in his own country– घर का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध

  • 9. A little knowledge is a dangerous thing– नीम हकीम खतरे जान

  • 10. A good face needs no paint– लाल गुदड़ियों में नहीं छिपते

  • 11. A rolling stone gathers no moss– डाँवाडोलकी मिट्टी खराब

  • 12. A lie has no legs– चोर के पैर कहाँ

  • 13. A nod to the wise and a rod to the foolish– चतुर को इशारा, मूर्ख की पिटाई

  • 14. A low-born man feels proud of his honours– कुत्ते को घी नहीं पचता

  • 15. A blind man is no judge of colours– बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद

  • 16. A wise foe is better than a foolish friend – मूर्ख मित्र से चतुर शत्रु अच्छा

  • 17. A friend in need is a friend indeed– समय पर काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त है

  • 18. A good name is better than riches– लाख जाय पर साख न जाय

  • 19. Act in haste, repent at leisure– जल्दी करो, जीवन भर रोओ

20. Adversity is the touchstone of friendship– वि​पत्ति मित्रता की कसौटी है 21. All that glitters is not gold – हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और 22. All covet, all lose– आधी छोड़ साझी को धावै, आधी रहे न साझी पावै 23. All’s well that ends well– अन्त भला तो सब भला 24. All your geese are swans– अपना गधा भी घोड़ा मालूम होता है 25. An unhappy man’s cart is sure to tumble– कंगाली में आटा गीला 26. An old dog learns no new tricks– बूढ़े तोते कुरान नहीं पढ़ते 27. An empty mind is a devil’s workshop– खाली दिमाग शैतान का घर 28. An empty vessel makes much noise– थोथा चना बाजे घना 29. As you sow, so shall you reap– जैसी करनी वैसी भरनी 30. As the crow is, so the eggs shall be– चूहे के बच्चे बिल ही खोदते हैं - See more at: http://www.allexamgurublog.com/2016/07/famous-proverbs.html#sthash.wCGnKDA8.dpuf

Sunday, 14 August 2016

G.k for up si

most imp qus for exam

World,s Main organation & headoffice

*विश्व के प्रमुख संगठन तथा उनके मुख्यालय:*
✥ ✥ ✥ ✥ ✥ ✥ ✥ ✥ ✥ ✥ ✥ ✥ ✥
1. रेडक्रॉस – जेनेवा
2. इंटरपोल (INTERPOL) – पेरिस (लेओंस)
3. एशियाई विकास बैंक (ADB) – मनीला
4. विश्व वन्य जीव संरक्षण कोष (WWF) – ग्लांड(स्विट्ज़रलैंड)
5. नाटो (NATO) – ब्रुसेल्स
6. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय – हेग
7. यूनिसेफ – न्यूयॉर्क
8. सार्क (SAARC) – काठमाण्डु
9. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) – नैरोबी
10. गैट (GATT) – जेनेवा
11. विश्व व्यापार संगठन (WTO) – जेनेवा
12. अमरीकी राज्यों का संगठन (OAS) – वाशिंगटन डी. सी.
13. अरब लीग – काहिरा
14. परस्पर आर्थिक सहायता परिषद् (COMECON) – मास्को
15. वर्ल्ड काउंसिल ऑफ़ चर्चेज (WCC) – जेनेवा
16. यूरोपीय ऊर्जा आयोग (EEC) – जेनेवा
17. अफ़्रीकी आर्थिक आयोग (ECA) – आदिस-अबाबा
18. यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ECTA) – जेनेवा
19. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR) – जेनेवा
20. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) – वियना
21. पश्चिमी एशिया आर्थिक आयोग (ECWA) – बगदाद
22. संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मलेन (UNCTAD) – जेनेवा
23. एमनेस्टी इंटरनेशनल – लंदन
24. अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमिटी (IOC) – लुसाने
25. यूरोपीय कॉमन मार्केट (ECM) – जेनेवा
26. राष्ट्रमंडलीय राष्ट्राध्यक्ष सम्मलेन (CHOGM) – स्ट्रान्सबर्ग
27. पेट्रोलियम उत्पादक देशों का संगठन (OPEC) – वियना
28. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) – पेरिस
29. यूरोपियन परमाणु ऊर्जा समुदाय (EURATON) – ब्रुसेल्स
30. राष्ट्रमंडल (कॉमनवेल्थ) – लंदन
31. यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) – जेनेवा
32. यूरोपीय संसद – लक्जमबर्ग
33. यूरोपियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ESRO) – पेरिस
34. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) – जेनेवा
35. एशिया और प्रशांत क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक आयोग – बैंकाक
36. अफ़्रीकी एकता संगठन (OAU) – आदिस-अबाबा
37. यूनेस्को – पेरिस
38. विश्व बैंक – वाशिंगटन डी. सी.
39. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) – वाशिंगटन डी. सी.
40. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) – रोम